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DEO का चार्ज 10 दिन में दो-दो बार बदला :….पहले डिप्टी कलेक्टर को दिया गया जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज….अब उप संचालक को जारी हुआ आदेश… पढ़िये दोनों आदेश

बलरामपुर-रामानुजगंज 18 नवंबर 2021। ……अब इसे अधिकारियों का टोटा कह लीजिये या फिर विभाग की लेटलतीफी…लेकिन हकीकत तो यही है कि महीना दिन बाद भी विभाग को एक अदद DEO नहीं मिल पाया है। आलम ये है कि 9 दिन के भीतर DEO का चार्ज दो-दो बार बदलना पड़ा है। दरअसल 28 अक्टूबर को राज्य सरकार ने संयुक्त संचालक स्तर के अधिकारी का तबादला किया था। आदेश में सरगुजा के संयुक्त संचालक के कुमार को रायपुर का संयुक्त संचालक बनाया गया था, जबकि बलरामपुर के DEO बी एक्का को सरगुजा का संयुक्त संचालक बनाया गया था।  बलरामपुर DEO की कुर्सी करीब 10 दिन खाली रही, जिसके बाद कलेक्टर बलरामपुर ने 9 नवंबर को एक आदेश जारी कर डिप्टी कलेक्टर दीपक कुमार निकुंज को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। हालांकि डिप्टी कलेक्टर को DEO का चार्ज देने का विरोध भी हुआ था। अब DEO के चार्ज को लेकर संयुक्त संचालक सरगुजा ने आज नया आदेश जारी किया है। ज्वाइंट डायरेक्टर बी एक्का ने सरगुजा संभागीय कार्यालय के उप संचालक केएल महिलांगे को बलरामपुर DEO का एडिश्नल चार्ज दिया है। वो अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे।

इधर प्रदेश में पिछले एक महीने के भीतर दूसरी बार देखने को मिला जब राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जिला शिक्षा अधिकारी का चार्ज दिया गया। इससे पहले बालोद में जिला शिक्षा अधिकारी का पद डिप्टी कलेक्टर को दिया गया था, जिसका शिक्षक संगठनों काफी तीव्र विरोध किया था। वहीं दूसरा मामला बलरामपुर में देखने को मिला था, जहां DEO का चार्ज डिप्टी कलेक्टर को दिया गया, हालांकि 10 दिन के भीतर ही ये चार्ज बदल दिया गया।

इधर इस पूरे मामले पर शिक्षक संघों की भी प्रतिक्रिय आयी है। संयुक्त संचालक के निर्णय का स्वागत करते हुए शिक्षक नेता विवेक दुबे ने कहा कि

” यह एकदम सही फैसला है जो संयुक्त संचालक द्वारा लिया गया है , स्कूल शिक्षा विभाग में सबसे अधिक कर्मचारी हैं और बहुत सारे कर्मचारी तो पर्याप्त योग्यता होने के बावजूद पदोन्नति से चूक जाते हैं ऐसे में शिक्षा विभाग के पद को किसी अन्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी को दिया जाना सरासर गलत है और इस परंपरा का हमने पुरजोर विरोध भी किया है । संयुक्त संचालक कार्यालय द्वारा जारी किए गए इस आदेश का हम स्वागत करते हैं ।”

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